हिमांशु चौहान/हरिद्वार: उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय योग विज्ञान विभाग की ओर से आयोजित दो दिवसीय वेब संगोष्ठी का ऑनलाइन शुभारंभ जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी के आशीर्वचन से हुआ, इस अवसर पर कई राज्यों के प्रोफेसर योगाचार्य और विभिन्न प्रदेशों से जुड़े 900 प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए स्वामी अवधेशानंद ने कहा, कि इस कोरोना महामारी संकट का उपचार योग है, अगर इस संकटकाल में कोई हमारा सहायक बन जाए तो उसे हम देवदूत मानते हैं, हमारे देश के डॉक्टर ,सफाई कर्मचारी ,पुलिसकर्मी अपना धैर्य साहस और कर्म योग के द्वारा देश को सेवा दे रहे हैं आज भारत योग के द्वारा विश्व का नेतृत्व कर रहा है हम सब इस कोरोना जैसी महामारी में आसन प्राणायाम के साथ-साथ अपने मन में उत्साह, उत्सव और सकारात्मक भाव रखें यही एकांत हमारा औषधि बन जाएगा।
वेब संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि मानव जीवन की हर परिस्थिति हर कठिनाइयों और हर समस्या का समाधान योग विधा में है ।