प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ की शुरुआत की, इस अभियान के तहत प्रदेश में सवा करोड़ से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएंगे, यह अभियान 125 दिनों तक चलेगा,जिसमें रोजगार पाने वाले 50 फीसदी लोग वो होंगे जो मनरेगा के तहत रजिस्टर्ड हैं, ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ के लिए प्रदेश सरकार के पास 36 लाख प्रवासी कामगारों का पूरा डेटा बैंक मैपिंग के साथ तैयार है, योगी सरकार इन कामगारों को एमएसएमई, एक्सप्रेस-वे, हाइवे, यूपीडा,मनरेगा जैसे तमाम क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार से जोड़ चुकी है, जिसका आंकड़ा एक करोड़ के पार पहुंच रहा है,सूबे में एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करने और खुद को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने के लिए 5 मई को 57 हजार से अधिक इकाइयों को ऑनलाइन लोन दिया गया था,लॉकडाउन के दौरान लाखों प्रवासी मजदूर अपने घर लौटे तो उस वक्त सीएम योगी ने वादा किया था, कि ऐसे श्रमिकों को उनके घर के पास ही रोज़गार देने की कोशिश की जाएगी, जिसके लिए देश में पहली बार यूपी में स्किल मैपिंग का काम शुरू हुआ, जिसमें बढ़ई, लुहार, सोनार, दर्ज़ी, कंप्यूटर रिपेयर,गाड़ी की मरम्मत का काम करने वाले,राज मिस्त्री जैसे श्रमिकों का डाटा तैयार किया गया,उनमें से कुछ को मनरेगा का काम दिया गया, इसके लिए रियल एस्टेट डेवलपरों के संगठन नरडेका से समझौता किया गया,अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि इस अभियान के शुरूआत में 31 जनपदों में ये योजना शुरू की गई है इससे बड़े पौमाने पर श्रमिक जुड़े हैं।