कोविड-19 वायरस महामारी से जुझते देश में टीके के विकास की प्रक्रिया को तेज करने और इसको प्रभावी तरीके से बनाने के लिए सरकार ने ‘मिशन कोविड सुरक्षा’ का प्रस्ताव किया गया है, वहीं जानकारों का मानना है कि इसका गठन करीब 3 हजार करोड़ रुपए के कोष के साथ किया जाएगा, मोदी सरकार का लक्ष्य जनता तक कोरोना वैक्सिन के टीके को सस्ते दाम पर पहुंचाने का है, सूत्रों का कहना है कि इस मिशन की अगुवाई जैव प्रौद्योगिकी विभाग कर रहा है, इसमें चिकित्सकीय परीक्षण के चरण से लेकर टीके विकास की पूरी प्रक्रिया शामिल होगी।

‘मिशन कोविड सुरक्षा’ का लक्ष्य है कि देश में बन रही संभावित वैक्सीन का विकास तेज हो, जनकारों का मानना है कि यह अभी प्रस्तावित चरण में है, प्रस्ताव के अनुसार मिशन की अवधि एक से डेड़ साल तक हो सकती है, और इसका बजट करीब करीब तीन हजार करोड़ रुपए का बजट होगा, ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर केंद्रित यह मिशन देश के नागरिकों को कोरोना वायरस के टीके जल्द से जल्द सुरक्षित और सस्ती पहुंच उपलब्ध कराने पर काम करेगा, ICMR के मुताबिक, 24 अगस्त तक देश में कोरोना वायरस के कुल 3 करोड़ 72 लाख सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 9 लाख सैंपल की टेस्टिंग कल की गई, और लगातार कोरोना जांच की संख्या भी बढ़ रही है, साथ हीं कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों की संख्या 23 लाख से अधिक हो गई है, देश में रिकवरी रेट 75 फिसदी से अधिक है, मृत्युदर में भी तेजी से गिरावट आई है, अब यह 1.85 फिसदी हो गई है।