धीरेंद्र/नई दिल्ली: कोरोनो महामारी से ना केवल लोग परेशान हैं बल्कि इसके चलते अर्थव्यवस्था भी चौपट है वायरस के खतरों की वजह से देश के अधिकतर शहरों के सिनेमाघर बंद है,जिससे बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर काफी असर पड़ रहा है,साल 2020 की शुरुआत बड़े उत्साह के साथ हुई थी, मगर पहली तिमाही खत्म होते-होते बॉलीवुड इंडस्ट्री की हालत खस्ता हो गयी,कोरोना वायरस ने बॉक्स ऑफिस की कमर तोड़ दी है।
वर्ष 2019 के मुकाबले 2020 की पहली तिमाही में कमाई करीब 200 करोड़ रुपये पीछे चली गयी है, फिल्म उद्योग ने मार्च से मध्य मई तक करीब 130 मिलियन डॉलर का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन लॉकडाउन के कारण खो दिया,देश में फिल्म उद्योग लाखों लोगों के जीवन यापन का जरिया है,जानकारों का मानना है कि इस महामारी से उपजे वित्तीय संकट से उबरने में भारतीय फिल्म उद्योग को कम से कम दो साल लगेंगे, जिससे हजारों लोगों की नौकरियों के जाने का भी खतरा है, इस सप्ताह एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान देश की बिजनेस राजधानी मुंबई में फिल्म उद्योग के लगभग एक दर्जन शीर्ष उत्पादकों, वितरकों और अभिनेताओं के विचारों का मूल्यांकन किया गया था,जहां कई सफल एक्शन फिल्मों के एक निर्माता ने कहा, फिल्में बनाना हमेशा एक जुआ रहा है,अब हममें से कुछ लोग अगले साल के लिए पैक कर सकते हैं,ये फिल्मों के लिए कठिन समय होगा, मार्च में तालाबंदी से देशभर में फिल्म निर्माण और सिनेमाघरों को बंद कर दिया गया था, जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 9,500 सिनेमाघर बंद हैं, और मल्टीप्लेक्स और सिंगल-स्क्रीन सिनेमाघरों में व्यापार महीनों तक वापस बढ़ने की संभावना नहीं है, उद्योग के आंकड़े बताते हैं कि भारत एक सामान्य वर्ष में 1,200 फिल्में बनाता है, कोरोना से बॉक्स ऑफिस के राजस्व में गिरावट के बीच प्रोडक्शन हाउस की हालत बहुत अच्छी नहीं है ऐसी संभावना है कि सिनेमाघरों को फिर से खोलने के बाद भी केवल छोटी बजट की फिल्में ही रिलीज होंगी जिससे निर्माताओं को बॉक्स ऑफिस के मूड का अंदाजा लग सके,बहरहाल फिल्मों पर कोरोना पैनडेमिक के असर से बॉलीवुड इंडस्ट्री में मंदी की संभावना है।