जीतेंद्र/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट में इलाज के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाते हुए, योगी सरकार ने नर्सिंग केयर, मॉनीटरिंग, डॉक्टर की निरीक्षण, आवश्यक जांच और टेस्ट के नाम पर अतिरिक्त शुल्क लगाने वाले अस्पतालों पर शिकंजा कसते हुए, कोविड-19 के इलाज के लिए निजी अस्पतालों का शुल्क निर्धारण कर दिया है, अब बिना वेंटीलेटर के ICU बेड उपलब्ध कराने पर हॉस्पिटल अधिकतम 15,000 चार्ज कर सकते हैं इसके अलावा प्रतिदिन- वेंटिलेटर के साथ ICU बेड उपलब्ध कराने पर अधिकतम हॉस्पिटल मरीजों से अधिकतम 18000 प्रतिदिन ही वसूल सकेंगे|

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को सख्त आदेश दिए हैं, साथ ही अगर इससे अधिक कोई निजी अस्पताल शुल्क लेता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, आपको बता दें कि कोरोना इलाज के नाम पर निजी अस्पताल मरीजों को तय शुल्क के अतिरिक्त अन्य कई तरह के मद जोड़कर लाखों का बिल थमा रहे हैं, महामारी के इस दौर में लोगों की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए योगी सरकार ने निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाने की हिदायत दी है|