भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर्व ‘जन्माष्टमी’ देशभर में धूमधाम से मनाया गया, बुधवार की आधी रात मंदिर-मठ में घंटे और घड़ियाल के साथ ही ‘नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की’ के जयकारों से गूंज उठा, कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर और मठों में श्रद्धालुओं को जाने की इजाज़त नहीं है, इसलिए ज्यादातर भक्त लड्डू गोपाल का ऑनलाइन दर्शन कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं ने अपने अपने घरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ठाकुरजी के लिए विशेष पोशाक पहनाए एवं गुलाब, और गेंदा के फूलों से श्रंगार किया, वहीं मन्दिर और मठों में ठाकुरजी का विशेष श्रंगार किया गया, पूरे मन्दिरों को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया, मौजूदा समय मे कोरोना वायरस महामारी के चलते मन्दिरों पर कम सजावट भी की गयी, मन्दिरों में लोगोंं को सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क लगाने पर ही प्रवेश करने की अनुमति दी गयी है।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिवस यानी कृष्ण जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का द्वापर युग में जन्म हुआ था, भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर बलराम का जन्म हुआ था और अष्टमी तिथि पर भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, धर्म शास्त्रों में भगवान कृष्ण के जन्म का अद्भुत वर्णन मिलता है।