कोरोना के इलाज का दावा करने वाली पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की दवा कोरोनिल के प्रचार-प्रसार पर आयुष मंत्रालय ने रोक लगा दी है, सरकार ने इस दवा के लिए किए जा रहे दावों की जांच करने का फैसला किया है, मंगलवार को बाबा रामदेव ने जैसे ही कोरोनिल से कोरोना को सात दिन में पूरी तरह से ठीक करने का दावा करते हुए दवा को लांच किया, तो इस पर संज्ञान लेते हुए आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से इस दावे के संबंध में सारी जानकारी मांगी है।
आय़ुष मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि मंत्रालय की अनुमति के बिना कोई भी कोरोना के इलाज का गलत दावा नहीं कर सकता है, इससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा होती है, पतंजलि से कोरोना के मरीजों पर किए गए ट्रायल से संबंधित सभी जानकारी मांगी गई है, कंपनी से मंत्रालय ने पूछा है कि कोरोना के इलाज के संबंध में किए गए ट्रायल किस किस अस्पताल में किए गए, ट्रायल का सैंपल साइज क्या था, एथिक्स कमेटी से अनुमति ली गई, साथ ही दवा बनाने के लिए जरूरी पंजीकरण नंबर की जानकारी मांगी है, सारी जानकारी भेजे जाने तक कोरोनिल दवा के विज्ञापन पर रोक लगाया गया है, वहीं बाबा रामदेव ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि इस दवा से जुड़े सारे पेपर मंत्रालय को सौंपे जा चुके हैं।