जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों ने एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया, इस हमले में आतंकियों के निशाने पर सुरक्षा बलों की 20 गाड़ियां थीं, जिसमें सीआरपीएफ के करीब 400 जवान होते, सुरक्षा बलों की सतर्कता से आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाए, पुलिस ने दावा किया है कि इस हमले में तीन आतंकियों को शामिल होना था, जिसमें पहले का नाम आदिल, दूसरे का फौजी और तीसरा कार का ड्राइवर था, जिसकी छानबीन जारी है पुलवामा की तरह होने वाले इस हमले की जांच एनआईए को सौंप दी गई है, कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया कि उन्हें पहले से ऐसे हमले के इनपुट मिल रहे थे और वे पूरी तरह तैयार अलर्ट थे, बुधवार को इनुपट के बाद उन्होंने जगह-जगह पुलिस फोर्स की तैनात की थी, पुलिस को जिस सेंट्रो कार का इनपुट मिला रहा था उसे नाके पर रोकने को कहा गया, नहीं रुकने पर फायरिंग हुई फिर आतंकी गाड़ी छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाकर कहीं गायब हो गया, बम स्कॉड की जांच में 50 किलो आईईडी से लदी एक गाड़ी मिली, आईजी विजय कुमार के मुताबिक, इस साजिश में जैश का पाकिस्तानी कमांडर फौजी भाई शामिल है, आदिल नाम का आतंकी भी इसमें शामिल था, जो हिजबुल और जैश दोनों के लिए काम करता है, आदिल डार नाम का ही शख्स पुलवामा आतंकी हमले में शामिल था, पहले इस हमले को करने की प्लानिंग जंग-ए-बदर के दिन की थी, लेकिन तब से अबतक पुलिस ने अपनी तरफ से कोई सुरक्षा चूक नहीं होने दी, आपको बता दें कि रमजान के 17वें रोजे को जंग-ए-बदर के नाम से जाना जाता है, इसी दिन इस्लाम के लिए पहली जंग लड़ी गई थी, लेकिन जम्मू कश्मीर में इसी दिन आतंकी कई बार हमलों को अंजाम देने के लिए चुन चुके हैं, कश्मीर में भी कथित ‘आजादी’ के नाम पर हो रहे आतंकी हमले भी इसी का हिस्सा है |