नई दिल्ली: ‘डिफेंस मैन्यफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कि बीते कुछ सालों से हमारी कोशिश है कि रक्षा के लिए छोटे उपकरणों के निर्माण में बेड़ियों को तोड़ा जाए, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में हमारी कोशिश डिफेंस मैन्यफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़े पुराने ढर्रे को तोड़ने की है, हमारा उद्देश्य है कि भारत में ही उत्पादन बढ़े, नई तकनीक भारत में ही विकसित हो, और प्राइवेट सेक्टर का इस क्षेत्र में अधिकतम विस्तार हो, इसके लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं, उससे आत्मनिर्भरता के हमारे प्रयासों को गति मिलेगी, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दशकों से आयुध कारखानों को सरकारी विभागों की तरह ही चलाया जा रहा था, एक सीमित विजन के कारण देश का नुकसान तो हुआ ही, साथ ही वहां काम करने वाले मेहनती, अनुभवी और कुशल श्रमिक वर्ग का भी बहुत नुकसान हुआ है, वेबिनार को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को लेकर हमारा कमिटमेंट सिर्फ बातचीत या कागजों तक ही सीमित नहीं है, इसके कार्यान्वयन के लिए एक के बाद एक कदम उठाए जा रहे हैं, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ गठन के बाद सेना के तीनों अंगों में समन्वय बेहतर हुआ है, इससे डिफेंस उपकरणों की खरीद को स्केल-अप करने में मदद मिल रही है, हाल ही में 101 डिफेंस आइटम्स को पूरी तरह से घरेलू खरीद के लिए सुरक्षित कर दिया गया है, इस लिस्ट को और व्यापक बनाया जाएगा, इसमें और आइटम जुड़ते जाएंगे, आने वाले दिनों में घरेलू उद्योग को भी काफी ऑडर मिलेंगे, आधुनिक उपकरणों में आत्मनिर्भरता के लिए तकनीकी अपग्रेडेशन जरूरी है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु सरकारों के साथ मिलकर स्टेट ऑफ आर्ट इंफ्रास्टक्चर तैयार किया जा रहा है, इसके लिए आने वाले 5 वर्षों में 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।