उत्तर प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए योगी सरकार ने बड़े पैमाने पर काम शुरू कर दिया है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 की बैठक में श्रमिक आयोग के गठन के साथ ही श्रमिकों को प्रदेश में ही रोजगार मुहैया कराने की योजना बनाई है, जिसके तहत गैर राज्यों से लौटे श्रमिकों और मजदूरों का पूरा ब्यौरा तैयार किया जा रहा है, बताया जाता है कि आयोग ने अब तक 14.75 लाख कामगारों की स्किल मैपिंग का काम पूरा कर लिया है, और बाकी बचे श्रमिकों की भी स्किल मैपिंग जारी है, इसमें सबसे ज्यादा 1,51, 492 की संख्या रीयल स्टेट से जुड़े कामगारों की है, लकड़ी और उससे जुड़े कारीगरों की संख्या 26989 है, 10,000 वाहन चालक, 3364 सिक्योरिटी गार्डस इसके अलावा दूसरे कला कौशल में निपुण कामगारों की मैपिंग हुई है,

अब कामगारों को सेवायोजन एवं रोजगार कल्याण आयोग के जरिए ही रोजगार दिया जाएगा, सरकार सभी कामगारों श्रमिकों को प्रदेश में ही रोजगार के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा भी देगी, हर कामगार श्रमिक को बीमा की सुरक्षा मिलेगी और प्रदेश में एक जनपद के कामगार व श्रमिक को दूसरे जनपद में रोजगार मिलने पर सरकार आवासीय व्यवस्था भी दी जाएगी, यूपी सरकार स्किल मैपिंग के बाद इनकी ट्रेनिंग कराएगी, ट्रेनिंग के दौरान भत्ता दिया जाएगा, अब कोई भी राज्य सरकार बिना सरकारी अनुमति के उत्तर प्रदेश के श्रमिकों का उपयोग नहीं कर पाएगी, अब उत्तर प्रदेश सरकार खुद अन्य राज्यों को मैन पावर उपलब्ध कराएगी |