उत्तर प्रदेश सरकार ने नये विशेष सुरक्षा बल का गठन किया है, उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (UPSSF) उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालय एवं परिसर व तीर्थस्थल, मेट्रो रेल, हवाई अड्डा, बैंक अन्य वित्तीय, शैक्षिक संस्थान, औद्योगिक संस्थान आदि की सुरक्षा व्यवस्था करेगी, इस बल की शक्तियां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तरह होगी, (UPSSF) के पास बिना वारंट के तलाशी लेने और किसी को भी गिरफ्तार का अधिकार होगा, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (गृह) अवनीश अवस्थी के हवाले से ट्वीट करके कहा गया, ‘राज्य में उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल अधिनियम 2020 को लागू किया गया है, यह न्यायालयों, तीर्थ स्थल, मेट्रो, हवाईअड्डों, बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थान, शैक्षणिक संस्थान, औद्योगिक संस्थान आदि की सुरक्षा व्यवस्था करेगा.’ ट्वीट में कहा गया, ‘इस बटालियन के गठन पर कुल 1747.06 करोड़ रुपये अनुमानित खर्च होगा, जिसमें वेतन भत्ते एवं अन्य व्यवस्थाएं शामिल है।
ट्वीट में कहा गया, ‘महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा हेतु मौजूदा समय में 9,919 कर्मी कार्यरत होंगे, विशेष सुरक्षाबल के रूप में प्रथम चरण में पांच बटालियन का गठन किया जाना प्रस्तावित है, इन बटालियन के गठन हेतु कुल 1,913 नए पदों का सृजन किया जाएगा.’ट्वीट में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के हवाले से बताया गया है कि बल का कोई भी सदस्य मजिस्ट्रेट के किसी भी आदेश और वारंट के बिना किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है, इसके साथ ही वारंट के बिना तलाशी लेने की शक्ति भी इस फोर्स के पास होगी, (UPSSF) नाम से गठित इस नए सुरक्षाबल का मुख्यालय लखनऊ में होगा और इसका नेतृत्व एडीजी स्तर का अधिकारी करेगा, बता दें कि 26 जून को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए योगी कैबिनेट ने इस सुरक्षाबल के गठन की मंजूरी दी थी, हालांकि, सरकार के इस कदम को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं, विपक्ष का आरोप है कि इससे तलाशी लेने और गिरफ्तार करने के अधिकार का दुरुपयोग किया जा सकता है।