लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानमंडल मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर जवाब देते हुए साफ कहा कि सरकार की पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की कोई योजना नहीं है, नई पेंशन योजना (एनपीएस) में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से ज्यादा फायदा मिलेगा, साथ ही वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने नई पेंशन योजना (एनपीएस) में कर्मचारियों को बड़ी राहत भी दी है, वहीं सपा के विधायकों ने वित्त मंत्री के जवाब से असंतोष जाहिर करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
प्रदेश में विभिन्न कर्मचारी संगठन लगातार पुरानी पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे में समाजवादी पार्टी के विधायक अनिल प्रधान, जय प्रकाश अंचल, पंकज मलिक और रालोद के विधायक गुलाम मोहम्मद ने विधानसभा में पुरानी पेंशन का मुद्दा उठाया और पूछा कि कर्मचारियों की पेंशन राशि कहां जमा है तथा उसकी सुरक्षा की क्या गारंटी है, साथ ही पूछा कि क्या सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने पर विचार करेगी।
जिस पर जबाव देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि एक अप्रैल 2005 में NPS लागू की गई तब सपा की सरकार थी, उसके बाद बसपा और फिर सपा की सरकार रही, 2017 में यूपी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनी तो 2019 में योगी सरकार ने NPS में अपना अंशदान 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया, कर्मचारी संगठनों ने एनपीएस में जमा राशि पर 8 प्रतिशत ब्याज की मांग की थी, जबकि वर्तमान में उन्हें 9.32 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है, कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, बीमा का लाभ मिल रहा है, मेडिकल लाभ का आदेश जल्द जारी किया जाएगा, कर्मचारियों की पेंशन राशि का 85 प्रतिशत हिस्सा सरकार के पास सुरक्षित है, और बाकि 15 प्रतिशत राशि जिम्मेदार संस्थाओं के पास हैं।