शिवा मौर्या/उत्तर प्रदेश के रायबरेली में करोड़ों रुपए की लागत से बने एम्स में लापरवाहियां लगातार बढ़ती जा रही हैं, मंगलवार रात एक मरीज की मौत होने से परिजन भड़क उठे और हंगामा शुरू कर दिया, परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज के सीने की हड्डियां टूट गई, जिससे उसकी जान चली गई, नाराज परिजन जिला मुख्यालय पर शव का पोस्टमार्टम करने की मांग पर अड़े रहे, जबकि डॉक्टर्स एम्स में ही शव का पोस्टमार्टम करने की बात कह रहे थे, करीब 2 घंटे तक एम्स में हंगामे को बाद भदोखर की पुलिस ने किसी तरह से मामले को शांत कराया।
दरअसल लालगंज कोतवाली क्षेत्र के बेहटाकला गांव में रहने वाले अरविंद सिंह को पेट में दर्द होने पर 14 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था, और इलाज के दौरान 22 अगस्त की रात करीब 8:00 बजे अरविंद की मौत हो गई, जिससे परिजन आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे, मृतक के बेटे प्रशांत सिंह ने आरोप लगाया कि पिता के सीने में दर्द था, चिकित्सकों ने पिता के सीने को जोर से दबा दिया जिससे सीने की तीन हड्डियां टूट गई, और इस वजह से उनकी मौत हो गई, पीड़ित परिजन जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम करना चाहते हैं, जबकि डॉक्टर एम्स में ही शव का पोस्टमार्टम करने की बात कह रहे थे, इसको लेकर कई घंटे तक डॉक्टरों और परिजनों में विवाद की स्थिति बनी रही, भदोखर थाना प्रभारी राजेश कुमार सिंह और एम्स चौकी प्रभारी लक्ष्मी नारायण द्विवेदी ने मौके पर पहुंचकर परिजनों से बातकर किसी तरह से उन्हे शांत कराया, पुलिस के समझाने पर परिजन शव लेकर चले गए, पुलिस का कहना है कि मरीज की सामान्य मौत थी, लेकिन परिजन जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम पर अड़े थे, स्थानीय लोगों की माने तो इससे पूर्व भी एक भदोखर थाना क्षेत्र के मेजरगंज की रहने वाली एक बच्ची की एम्स में लापरवाही के चलते मौत हो गई थी, लेकिन गरीबी और मुसीबत के चलते बच्ची के परिजन इंसाफ के लिओ आवाज नहीं उठा सके, ऐसे ही इलाज में कोताही से एम्स संस्थान लापरवाही का हब बनता जा रहा है।