कोरोना वायरस के खतरे को लेकर लॉकडाउन की वजह से लाखों लोग अपने घरों से दूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं, ऐसी हालत में लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए तमाम स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, इसी बीच महाराष्ट्र के वसई से यूपी के गोरखपुर के लिए चली ट्रेन ओडिशा के राउरकेला पहुंच गई, रेलवे ने सफाई दी कि ये गलती से नहीं हुआ, बल्कि रूट व्यस्त होने की वजह से ऐसा किया गया, लेकन अब एक-दो नहीं, बल्कि करीब 40 ट्रेनों का रास्ता बदला दिया गया जिससे मुसफिर कहीं का कहीं पहुंच रहे हैं, ऐसी ही एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन बेंगलुरु से करीब 1450 लोगों को लेकर यूपी के बस्ती जा रही थी, जब ट्रेन रुकी तो लोगों ने पाया कि ट्रेन गाजियाबाद में खड़ी थी, वहीं महाराष्ट्र के लोकमान्य टर्मिनल से 21 मई की रात को पटना के लिए चली ट्रेन पुरुलिया पहुंच गई, इसी तरह दरभंगा से चली एक ट्रेन को रूट बदलकर राउरकेला की ओर कर दिया गया, रेलवे का तर्क तो यही होगा कि इसे डायवर्ट किया गया है, जब सामान्य दिनों में ट्रेनों की इतनी आवाजाही होती है ओवर ट्रैफिकिंग से ट्रेनें रास्तों में रोककर पास कराई जाती है, इन दिनों में जब गिनती की ट्रेनें चल रही हैं तो ऐसे में ट्रेनें डायवर्ट होने की वजह से एक राज्य से दूसरे राज्य पहुंच रही हैं यह तर्क से परे हैं, लगातार ट्रेनों के भटकने का मामला उछला तो रेलवे बोर्ड बड़े अधिकारियों ने सफाई दी, की 80 फीसदी ट्रेनें यूपी और बिहार पहुंच रही हैं, जिससे भीड़-भाड़ की वजह से रेलवे को कई ट्रेनों का रूट बदलना पड़ा है, पहले से परेशान प्रवासी श्रमिकों से रेलवे के किराया वसूले जाने को लेकर राजनीति हो रही है, अब रेलवे बेतरतीब डायवर्जन से रेलवे की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे है |
