रेलवे में प्राइवेटाइजेशन की तैयारी तेज़

रेलवे में प्राइवेटाइजेशन की तैयारी तेज़

देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने कई सेक्टरों को पीपीपी मॉडल पर चलाने का फैसला किया है, बजट में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि प्राइवेट ट्रेन चलाने की दिशा में सरकार बहुत तेजी से काम कर रही है, तो वहीं टाटा ग्रुप एयर इंडिया के साथ-साथ इंडियन रेलवे में भी बड़े पैमाने पर निवेश कर सकता है, आपको बता दें कि रेलवे में तेजस के साथ प्राइवेट ट्रेन की शुरुआत पहले ही हो चुकी है, पिछले दिनों 100 रेलमार्गों पर 150 प्राइवेट ट्रेन चलाने की मंजूरी दी गई थी, इन ट्रेनों को राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों से मुकाबला करना होगा, बजट में सरकार ने रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार को लेकर भी कई तरह के ऐलान किए हैं, नए रेलवे लाइन के लिए इस बजट में 12000 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है, जिसमें गॉग कन्वर्जन के लिए 2250 करोड़ और डबलिंग के लिए 700 करोड़ का ऐलान किया गया है, सिग्नलिंग सिस्टम के लिए भी 1650 करोड़ रुपये का अलग से ऐलान किया गया है, जानकारों के मुताबिक, टाटा रियल्टी, ह्यूंदै, हिताची इंडिया, एस्सेल ग्रुप, अडाणी पोर्ट्स, इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) इस रेस में काफी आगे हैं।

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