संसद में 3 बिल पारित होंगे आज, विपक्ष का आरोप ‘कृषि उद्योग का निजीकरण’

संसद में 3 बिल पारित होंगे आज, विपक्ष का आरोप ‘कृषि उद्योग का निजीकरण’

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि किसानों की मदद के लिए संसद में 3 बिल पारित होंगे, नड्डा ने कहा कि किसानों के लिए उत्पाद बेचने में मदद की जाएगी, ‘किसान प्रोडक्ट बिल’ किसानों की मदद करने वाला हैं, इन तीन कृषि अध्यादेशों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि इससे किसानों को बहुत फायदा मिलेगा, ये तीनों ही अध्यादेश बहुत दूर-दृष्टि वाले हैं, इसलिए हम इन्हें बिल के रूप संसद में ला रहे हैं और पास कराने जा रहे हैं. नड्डा ने कहा कि ये तीनों ही बिल कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए बहुत लाभकारी हैं|

आपको बता दें कि ‘आवश्यक वस्तु अधिनियम’ 1955 का है, उस वक्त उपज काफी कम थी, जो बहुत बढ़ गई है. ये बिल जब आया था तब उपज की कमी थी, अब इसको डिरेग्यूलेट करते हुए अपवाद की स्थिति का ध्यान रखा गया है, इससे प्राइवेट सेक्टर भी निवेश कर पाएगा, इसी तरह से कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल के जरिए भी किसान को सुविधा देने का प्रयास है, जिससे किसान अपनी सुविधा से अपने उत्पाद बेच सके, अभी तक अनाज मंडी के जरिए ही बेचा जाता है, अब ये सुविधा मिल जाएगी कि आप मंडी से बाहर भी अपना अनाज बेच सकते हैं, जिससे किसान तुलना जहां ज्यादा दाम मिलेगा वहां अपना उत्पादन बेचेगा, और इस बिल के जरिए यह भी जानकारी दी जाएगी, कि किस जगह कितना दाम चल रहा है और आगे चलकर क्या दाम रहने वाला है, विपक्षी पार्टी कांग्रेस इन बिलों का विरोध कर रही है, वहीं आम आदमी पार्टी के पंजाब से सांसद भगवंत मान का भी कहना है कि किसानों के व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश-2020, किसान समझौते और आवश्यक वस्तु अध्यादेश-2020 बिल का विरोध करेगी और इसके खिलाफ वोट करेगी, यह बिल कृषि उद्योग के निजीकरण की दिशा में एक कदम है, इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समाप्त हो जाएगा और निजी खिलाड़ियों को खुली छूट मिल जाएगी।

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