अयोध्या में श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित किया, जय श्रीराम के नारों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत की, पीएम ने कहा कि आज जय सिया राम के नारे आज सिर्फ अयोध्या में नहीं बल्कि विश्व में गूंज रहे है, यह मेरा सौभाग्य है कि राम भूमि ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया, सरयू के किनारे आज स्वर्णिम अध्याय लिखा जा रहा है, पूरा भारत राममय और रोमांचित है, प्रधानमंत्री ने कहा, आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, और हमारी संस्कृति का आधार हैं, पीएम ने कहा, करोड़ों लोगों को विश्वास नहीं होगा कि उन्होंने अपने जीवनकाल में इस दिन को देखा है, वर्षों से, हमारे रामलला एक तम्बू के नीचे रहते थे, अब वह भक्तों द्वारा निर्मित भव्य मंदिर में निवास करेंगे, पीएम ने कहा, ‘राम हर जगह हैं, भारत के दर्शन-आस्था-आदर्श-दिव्यता में राम ही हैं. तुलसी के सगुण राम हैं, नानक-कबीर के राम निगुण राम हैं, भगवान बुद्ध-जैन धर्म भी राम से जुड़े हैं, तमिल में कंभ रामायण है, तेलुगु, कन्नड़, कश्मीर समेत हर अलग-अलग हिस्से में राम को समझने के अलग-अलग रुप हैं घट-घट में राम हैं, विश्व की सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या इंडोनेशिया में है, वहां पर भी रामायण का पाठ होता है. पीएम ने बताया कि कंबोडिया, श्रीलंका, चीन, ईरान, नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में राम का नाम लिया जाता है इस मंदिर के साथ सिर्फ नया इतिहास ही नहीं रचा जा रहा है बल्कि इतिहास भी खुद को दोहरा रहा है, आज देशभर के लोगों के सहयोग से राम मंदिर निर्माण का यह पुण्य कार्य शुरू हुआ है, जैसे पत्थरों पर श्रीराम लिखकर राम सेतु बनाया गया था, वैसे ही घर-घर, गांव-गांव से श्रद्धापूर्क पूजी शिलाएं यहां ऊर्जा का श्रोत बन गई है, देशभर के धामों, मंदिरों से लाई गई मिट्टी, नदियों का जल वहां के लोगों की भवानाएं यहां की अमोघ शक्ति बन गई है, वाकई ये न भूतो, न भविष्यति, भारत की आस्था, भारत के लोगों की सामूहिकता और इसकी अमोघ शक्ति पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय है, राम मंदिर आधुनिक समय का प्रतीक बनेगा, हमारी शाश्वस्त आस्था का प्रतीक है हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा, ये मंदिर करोड़ों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा, ये मंदिर आने वाली पीढ़ियों को आस्था, श्रद्धा और संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा, मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की भव्यता ही नहीं बढ़ेगी बल्कि इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र बदल जाएगा, हर क्षेत्र में लोगों के लिए अवसर बढ़ेंगे।