देश ही नहीं दुनियाभर में आज से सावन का महीना और भगवान शिव की आराधना का महोत्सव शुरू हो गया है, काशी समेत तमाम मंदिरों में सुबह से भोले बाबा के दर्शन के लिये भक्तोंं की भीड़ लग रही है, लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने आराध्य महादेव का दर्शन कर रहे हैं, तो वहीं महाकाल की नगरी उज्जैन में श्रावण मास के प्रथम सोमवार को ज्योतिर्लिङ्ग महाकालेश्वर की भस्म आरती की गई इसके साथ ही सुबह 5.30 बजे से ही शिवभक्त बाबा महाकाल के दर्शन कर रहे हैं।
इस बार सावन के पवित्र महीने की शुरुआत पहले दिन सोमवार से हुई है, सावन का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है, इस श्रावण मास का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि सावन का प्रथम दिन सोमवार है और अन्तिम दिन रक्षा-बन्धन वाले दिन भी सोमवार है, इस प्रकार इस वर्ष सावन में पांच सोमवार का अति शुभ योग है, मान्यता है जो भी भक्त पूरी श्रद्धा भाव से सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना करता है उसकी सभी तरह की मनोकामनाएं भोले शंकर जरूर पूरी करते हैं, धर्म के अनुसार पूजा का तीसरा क्रम भी भगवान शिव हैं, शिव ही अकेले ऐसे देव हैं,जो साकार और निराकार दोनों हैं, हम जिस अखिल ब्रह्मांड की बात करते हैं और एक ही सत्ता का आत्मसात करते हैं, वह कोई और नहीं भगवान भोलेनाथ हैं।