नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में को-ऑपरेटिव बैंकों पर बड़ा फैसला लिया गया है, इस मीटिंग में बैकों को लेकर बड़े सुधार के अध्यादेश को मंजूरी दी गई है, जिसके साथ ही सरकारी बैंक, अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक हो या मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक रिजर्व बैंक के सीधे निगरानी में होंगे, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 1482 अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों और 58 बहु-राज्य सहकारी बैंकों सहित सरकारी बैंकों को अब भारतीय रिजर्व बैंक की सुपर विजन के तहत लाया जा रहा है, आरबीआई के तहत लाए जाने से जिस तरह शेड्यूल कर्मशल बैंकों पर रिजर्व बैंक का आदेश और निर्देश लागू होता है, वह अब को-ऑपरेटिव बैंक पर भी लागू होगा, भारत में को-ऑपरेटिव बैंक का बहुत बड़ा दायरा है, इन 1540 को-ऑपरेटिव बैंकों के 8.6 करोड़ जमाकर्ता हैं, और इनकी कुल जमा पूंजी करीब 4.84 लाख करोड़ है, अब रिजर्व बैंक के अंतर्गत आने के बाद जमाकर्ताओं का इन बैंकों पर विश्वास बढ़ेगा।